# एक निवेदन कृपया निम्नानुसार कमेंट बॉक्स मे से वर्ड वैरिफिकेशन को हटा लें। इससे आपके पाठकों को कमेंट देने में असुविधा नहीं होगी - Login -Dashboard -settings -posts and comments -show word verification (NO) और अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्न वीडियो देखें - http://www.youtube.com/watch?v=VPb9XTuompc
जीवन नैया सुख और दुःख की पतवारों से चलती है
ReplyDelete☆★☆★☆
सूखी नदिया प्रेम की, उजड़ा मन का गांव।
कब तक खीचूं रेत में, उम्मीदों की नाव।।
वाऽहऽऽ…!
आदरणीया मधु शुक्ला जी
सुंदर दोहे के लिए साधुवाद ...
लेकिन वर्ष भर में मात्र एक दोहा अपर्याप्त नहीं लगता ??
कृपया , नियमित लिखा और पोस्ट किया करें...
अगली पोस्ट लगाने पर सूचित कीजिएगा...
मंगलकामनाओं सहित...
-राजेन्द्र स्वर्णकार
# एक निवेदन
कृपया निम्नानुसार कमेंट बॉक्स मे से वर्ड वैरिफिकेशन को हटा लें।
इससे आपके पाठकों को कमेंट देने में असुविधा नहीं होगी -
Login
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(NO)
और अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्न वीडियो देखें -
http://www.youtube.com/watch?v=VPb9XTuompc
दो पंक्तियाँ ..
ReplyDeleteकमाल की प्रभावशाली !!
बधाई !